एस्ट्रो शैलजा, एस्ट्रो धर्म।
शनि का खौफ सच या झुठ
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।
नमस्कार दोस्तों आज मैं शनि ग्रह से जुड़े डर को दूर करने की कोशिश करूंगी | ब्रह्माण्ड के सात ग्रहों में से शनि पृथ्वी से सबसे दूर ग्रहों में से एक हैं| इसकी गति धीरे होने की वजह से इसे संस्कृत में शनैश्चर कहा गया और हिन्दी में शनिचर |
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह की प्रकृति तामसिक, ठंडी व रूखी हैं और इसका मूल तत्व वायु हैं | इसे हानिकारक ग्रहों की गिनती में रखा गया हैं |
शनि न्याय, मर्यादा,विदेशी भाषा का ज्ञान, विरासत, खेती-बाड़ी का काम, तेल, मृत्यु, डर, दुख , कष्ट,अनुशासन,सेवक, चाचा, नीलम रत्न, काला रंग, लोहा, सेवा, पर असर डालता हैं|
शनि अपने मार्ग पर एक चककर को 30 साल में पुरा करता हैं और ढाई साल तक नक्षत्र राशि में रहता हैं जिसे शनि की ढाईया कहते हैं| जब यह कुंडली के तीन उपर्युक्त घरों से गुजरता है तो यह मनुष्य को साढ़े 7 साल तक प्रभावित करता है
जब किसी की कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर बैठा हुआ हो तो वह उस व्यक्ति को लालची, उदास और रोगी बनाता हैं| बार-बार हानि करवाता है या वायु तत्व होने की वजह से शारीरिक रोग लगाये रखता है| शनि मनुष्यों की सही और गलत के निर्णय पर असर करता हैं| बहुत ही अशुभ दशा में शनि मुकदमे, जेल, बदनामी तक करवा देता हैं| यह अकेलापन, निराशावादी, डरपोक, नशो की लत और आत्महत्या की भावना को जगाता हैं| रुखे स्वभाव व कठोर दिल वाला बनाता हैं|
टांग, दाँत, लकवा, कैंसर, दौरे, तनाव, ब्लडप्रेशर, कब्ज, गंजापन शनि के अशुभ असर के कारण होने वाली बीमारीया है|
यही कारण है पौराणिक कथाओ में मनुष्य तो क्या भगवान भी शनि के प्रकोप से डरते दिखाये गये है|
लेकिन यह आधा सत्य हैं| कुंडली में शनि किस घर में कौनसी राशि में बैठा है यह निर्धारित करता हैं शनि का शुभ और अशुभ असर| कुंडली में शनि तुला राशि व 6, 8 और दसवें घर में शुभ होता हैं| तीसरे और छठे घर में भी शुभ असर देता हैं| ग्यारहवे घर में सबसे शुभ होता हैं| मकर व कुंभ राशि में भी शुभ असर देता हैं| मेष, सिंह, कर्क व वृश्चिक राशि में अशुभ होता हैं| पूर्व जन्म में गरीबों को, सेवको को या कमजोर को प्रताड़ित करना भी वर्तमान जीवन में शनि का अशुभ असर देता हैं|
वही शनि शुभ का प्रभाव मनुष्यों को व्यवहारिक, जिम्मेदार, ज्ञानी, ईमानदार, न्यायप्रिय, मोहमाया से दूर, लम्बी उम्र, संगठनात्मक क्षमता, नेतृत्व करने वाला बनाता हैं|
अंक विज्ञान के अनुसार जिनका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 को होता हैं उनके देव ग्रह शनि है| ऐसे लोगो के जीवन में प्रेम संबधो को लेकर हमेशा दिक्कत रहती हैं| समाजिक तौर पर ये सबके प्रिय होते हैं| ये कर्मठ होते है और दूसरो की मदद कम लेना पसंद करते हैं| इनकी इच्छा शक्ति और गंभीर सोच इन्हें किसी भी कार्य सफलता से करने की ताकत देती हैं| इनका जीवन संघर्ष से भरा होता हैं लेकीन ये कभी हार नहीं मानते|
उपरोक्त जन्मतिथि वाले और अगर आपके जीवन में शनि का अशुभ प्रभाव दिखाई दे रहा हो तो यह उपाय जरूर करे|
* अशुभ शनि की स्थित में बबूल या कीकर की दातुन करे|
* अशुभ स्थित में अपने से कमजोर लोगो को सम्मान दे|
* शनि मंत्र, शनि चालीसा या हनुमान चालीसा का जाप करे|
* नौकर, मजदुर या गरीबों से अच्छा व्यवहार करे|
* पक्षियों को खास कर कौऐ को रोजाना दाना खिलाए |
* शनि की कारक वस्तुएं जैसे तिल या सरसों का तेल, गहरे रंग के कपडे, लोहा, उड़द दाल खुद भी इस्तेमाल करे और कुष्ठ रोगियों को दान भी करे |
* शनिवार को पीपल में जल चढ़ाए और तेल का दिया जलाए|
* बुजुर्गों की सेवा करे|
* मध्य उंगली में लोहे का छल्ला पहने| नीलम भी पहना जा सकता हैं लेकिन बिना परामर्श के ना पहने|
* घर में या दफ़्तर में गहरे रंगो का इस्तेमाल करे|
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ऐस्ट्रो धर्म
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि माता लक्ष्मी धन की देवी हैं। माना जाता है कि जिस घर में पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, उस घर में धन-दौलत की कमी नहीं रहती है।
हमारे धर्म शास्त्रों में भी बताया गया है कि जिस स्थान पर नियमित श्री सूक्त का पाठ किया जाता है, वहां पर देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसके अलावा जो भी श्री सूक्त का सुबह-शाम पाठ करता है, उसके पास कभी भी धन की कमी नहीं रहती है, ना ही कोई काम अटकता है।
मंत्र: ऊं श्री ऊँ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:
इसके अलावा किसी तरह की धन संबंधी परेशानी चल रही है तो 'ऊँ वैश्रवाय स्वाहा' मंत्र का जाप करें। माना जाता है कि इस मंत्र का हर दिन 108 बार जाप किया जाए तो धनागमन में आने वाली किसी भी तरह की परेशानियां दूर हो जाएंगी।
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हर इंसान की चाहत धनवान बनने की होती है। इसके लिए कुछ लोग सही तरीके अपनाते हैं तो कुछ लोग गलत। वहीं कुछ लोग सोचते हैं कि कई उपाय मिल जाए, जिससे वे जल्दी से धनवान बन जाएं। आज हम आपको कुछ मंत्र और सूक्त बताने जा रहे हैं, जिसे करने पर हर काम में उन्नति होगी और धन आगमन में आने वाली बाधाएं दूर होगी। माना जाता है कि इन मंत्र और सूक्तों का पाठ करने से इंसान कम समय में ही धनवान बन जाता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि माता लक्ष्मी धन की देवी हैं। माना जाता है कि जिस घर में पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, उस घर में धन-दौलत की कमी नहीं रहती है।
हमारे धर्म शास्त्रों में भी बताया गया है कि जिस स्थान पर नियमित श्री सूक्त का पाठ किया जाता है, वहां पर देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसके अलावा जो भी श्री सूक्त का सुबह-शाम पाठ करता है, उसके पास कभी भी धन की कमी नहीं रहती है, ना ही कोई काम अटकता है।
मंत्र: ऊं श्री ऊँ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:
इस मंत्र के बारे में कहा जाता है कि यह मंत्र भगवान कुबेर का है और यह सिद्ध मंत्र है। जैसा कि हम सभी सभी जानते हैं कि कुबेर भगवान के कोषाध्यक्ष हैं। माना जाता है कि इस मंत्र का नियमित जाप करने से अचानक धन का लाभ मिलता है।
इसके अलावा किसी तरह की धन संबंधी परेशानी चल रही है तो 'ऊँ वैश्रवाय स्वाहा' मंत्र का जाप करें। माना जाता है कि इस मंत्र का हर दिन 108 बार जाप किया जाए तो धनागमन में आने वाली किसी भी तरह की परेशानियां दूर हो जाएंगी।
ACHARYA RAM GOPAL SHUKLA | ASTRO DHARM |
The Laxminarayan Temple, also known as the Birla Mandir is a Hindu temple up to large extent dedicated to Laxminarayan in Delhi, India. Laxminarayan usually refers to Vishnu, Preserver in the Trimurti, also known as Narayan, when he is with his consort Lakshmi. The temple, inaugurated by Mahatma Gandhi, was built by Jugal Kishore Birla[1] from 1933 and 1939. The side temples are dedicated to Shiva, Krishna and Buddha.[2]
It was the first large Hindu temple built in Delhi. The temple is spread over 7.5 acres, adorned with many shrines, fountains, and a large garden with Hindu and Nationalistic sculptures, and also houses Geeta Bhawan for discourses. The temple is one of the major attractions of Delhi and attracts thousands of devotees on the festivals of Janmashtami and Diwali.
The construction of temple dedicated to Laxmi Narayana started in 1933, built by industrialist and philanthropist, Baldeo Das Birla and his son Jugal Kishore Birla of Birla family, thus, the temple is also known as Birla Temple. The foundation stone of the temple was laid by Jat Maharaj Udaybhanu Singh. The temple was built under guidance of Pandit Vishwanath Shastri.[3] The concluding ceremony and Yagna was performed by Swami Keshavanandji.[4] The famous temple is accredited to have been inaugurated by Mahatma Gandhi in 1939. At that time, Mahatma Gandhi kept a condition that the temple would not be restricted to the upper-caste Hindus and people from every caste would be allowed inside.[2][5]
This is the first of a series of temples built by the Birlas in many cities of India, which are also often called Birla Temple.Its architect was Sris Chandra Chatterjee, a leading proponent of the "Modern Indian Architecture Movement."[6] The architecture was influenced heavily by the principles of the Swadeshi movement of the early twentieth century and the canonical texts used. The movement did not reject the incorporation of new construction ideas and technologies. Chatterjee extensively used modern materials in his buildings.
The three-storied temple is built in the northern or Nagara style of temple architecture. The entire temple is adorned with carvings depicting the scenes from golden yuga of the present universe cycle. More than hundred skilled artisans from Benares, headed by Acharya Vishvanath Shastri, carved the icons of the temple. The highest shikhara of the temple above the sanctum sanctorum is about 160 feet high. The temple faces the east and is situated on a high plinth. The shrine is adorned with fresco paintings depicting his life and work. The icons of the temple are in marble brought from Jaipur. Kota stone from Makarana, Agra, Kota, and Jaisalmer was used in the construction of the temple premises. The Geeta Bhawan to the north of the temple is dedicated to Lord Krishna. Artificial landscape and cascading waterfalls add to the beauty of the temple. The main temple houses statues of Lord Narayan and Goddess Lakshmi. There are other small shrines dedicated to Lord Shiva, Lord Ganesha and Hanuman. There is also a shrine dedicated to Lord Buddha. The left side temple shikhar (dome) houses Devi Durga, the goddess of Shakti, the power. The temple is spread over an area of 7.5 acres (30,000 m2) approximately
he temple is located on the Mandir Marg, situated west of the Connaught Place in New Delhi. The temple is easily accessible from the city by local buses, taxis and auto-rickshaws. Nearest Delhi Metro station is R. K. Ashram Marg metro station, located about 2 km away. Also on the same road lies the New Delhi Kalibari.

भीलवाड़ा। श्री मनोकामनापूर्ण बालाजी सेवा समिति, छोटी हरणी की और से आयोजित “नानी बाई रो मायरो” कथा के द्वितीय दिवस पर कथा प्रवक्ता सुश्री जया किशोरी जी ने धर्मसभा को को संबोधित करते हुए की भगवान को पाने के लिए आज के समय में निष्काम भक्ति बहुत जरुरी हे, आज के समय में लोग प्रभु को केवल अपना कार्य पूरा कराने के लिए याद करते और अपना कार्य पूरा होते ही प्रभु को भूल जाते हे | भक्ति बिना स्वार्थ की होनी चाहिए, निस्वार्थ भक्ति से ही प्रभु की प्राप्ति संभव हे |
पूज्या जी ने कृष्ण सुदामा मिलन प्रसंग का वाचन वाचन करते हुए कहा की मित्रता हो तो सुदामा और कन्हैया के जैसी होनी चाहिए जोकि एक दुसरे की परिस्थिति को बखूबी समझते हो | आपका भगवान पर इतना अटूट विश्वास होना चाहिए कि आपका कोई भी कार्य हो प्रभु पर छोड़ दे और ये विश्वास रखे कि भगवान जो भी करेंगे अच्छा ही करेंगे, उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता हे | भगवान को अपने वश में करने का मंत्र बताते हुए कहा की प्रेम ही एकमात्र ऐसा जरिया हे जिससे प्रभु को बड़े ही आसानी से पाया जा सकता हे, अपने वशीभूत किया जा सकता हे |
समिति उपाध्यक्ष छगनलाल जैन ने बताया की आज के मायरे की शुरुआत मुख्य अतिथि जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाडा, कंचन इंडिया के श्री लादूलाल बांगड़, प्रदीप मोहन शर्मा, गोपाल स्वरुप मेवाड़ा, गोपाल शर्मा (गोपी दादा), ने दीप प्रज्वलित कर की व मायरे के अंत में लाल बाबा, श्री प्रकाशानंद जी महाराज, बब्बू बन्ना, जोनी बन्ना, मधुसुदन शर्मा, शिव सेना राज्य प्रमुख आशीष जोशी, शम्भू लाल तेली ने महाआरती कर कथा को विराम दिया | कथा में आज पूज्या जया किशोरी जी ने राधे, राधे, गोविन्द राधे..., अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो..., भगत के वश में हे भगवान..., सांवरिया रे आगे खड़ा हु कर जोड़..., बात मेरी मानले..., गाडी में बिठाले रे कान्हा..., आदि भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे | कथा के दौरान कृष्ण सुदामा मिलन, भक्त के वश में हे भगवान भजन, नरसी जी का अंजार नगर की और प्रस्थान आदि प्रसंगों की जीवंत व अनोखी झांकिया प्रदर्शित की गयी | आज मायरे में कृष्ण सुदामा मिलन, नरसी जी का अंजार नगर प्रस्थान आदि प्रसंगों का वाचन जया किशोरी जी द्वारा मारवाड़ी भाषा में किया गया | कथा में अंतिम दिवस अर्थात कल नानी बाई का मायरा भरा जायेगा | मायरे का सञ्चालन सुश्री हंसा व्यास द्वारा किया गया | कथा के दौरान आज विश्व नव निर्माण सेना के सेवा प्रकल्प माता पिता की सेवा का पोस्टर पूज्या जया किशोरी जी द्वारा किया गया | नानी बाई को मायरो कथा का आयोजन 25 से 27 अक्टूम्बर 2017 तक दोपहर 1 से 5 बजे तक छोटी हरणी स्थित काठिया बाबा आश्रम में किया जा रहा हे | 27 अक्टूबर को शाम को भी भीलवाड़ा के स्थानीय कलाकार श्री आशुतोष जी सोनी, मास्टर सुनील, दिनेश मानसिंहका के द्वारा भव्य भक्ति संध्या आयोजित की जाएगी |
अनिल शर्मा
शिमला – ग्राम शिमला निवासी आचार्य अभिमयू पाराशर को कानपुर मे आयोजीत ज्योतिष महा सम्मेलन मे भाग लेने पर संस्थान द्वारा उन्हे पाराशर ऋषी की मानद उपाधी से अलंकृत किया। यहं सम्मान उन्हे अखिल भारतीय ज्योतिष संस्थान दिल्ली व कानपुर के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरूण कुमार बंसल, संरक्षक जयप्रकाश शर्मा व कार्यक्रम संयोजक शरद त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से प्रदान किया। सम्मान स्वरूप उन्हे सम्मान पत्र, प्रतिक चिन्ह प्रदान किया। सम्मान मिलने पर शिमला सरपंच धर्मेन्द्र यादव, भाजपा किसान मोर्चा उपाध्यक्ष रमेश यादव, युकां उपाध्यक्ष शीशराम यादव, पं गोविन्दराम शर्मा सहित अनेक प्रबुद्ध जनो ने बधाई दी।
ज्योतिषियों के अनुसार रविवार के दिन नए साल की शुरुआत रहेगी लाभकारी
बीकानेर (जयनारायण बिस्सा)। नववर्ष 2017 में नव ग्रह अपना स्थान यानी राशि को बदलकर दूसरी राशि में जाएंगे। आम तौर पर सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, शुक्र ग्रह ही अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। शनि, बृहस्पति, राहु और केतु हर वर्ष अपना स्थान परिवर्तन नहीं करते मगर नए साल में कुछ अलग ही होने जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार वर्ष 2017 में नौ ग्रह अपना स्थान परिवर्तित करेंगे।ज्योतिषियों का कहना है कि वर्ष 2017 रविवार के दिन शुरू हो रहा है। रविवार के गुरु सूर्यदेव हैं। इसलिए नया साल सूर्यदेव के प्रभाव में रहेगा। वर्ष की शुरुआत रविवार के दिन होने को ज्योतिषि काफी शुभकारी मानकर चल रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार रविवार के स्वामी सूर्यदेव हैं। इस तरह 2017 में सूर्यदेव का प्रभाव रहेगा। रविवार के दिन नववर्ष का आगाज होने से 2017 के अधिपति ग्रह सूर्यदेव रहेंगे। नए साल में नव ग्रह 2017 में राशि को छोडक़र दूसरी राशि में जाएंगे। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध और शुक्र हर वर्ष अपनी राशि बदलते हैं मगर शनि, बृहस्पति, राहु और केतु हर वर्ष अपनी राशि परिवर्तित नहीं करते।ज्योतिषियों का कहना है कि शनि अपनी राशि ढाई वर्ष में, बृहस्पति 13 महीने में तथा राहु और केतु 18 महीने में अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। सन् 2000 में नई सदी शुरू होने के बाद अलग-अलग वर्षों में शनि, बृहस्पति, राहु और केतु अपनी राशि परिवर्तन कर चुके हैं। चालू शताब्दी में यह पहली बार होगा, जब नवग्रह अपनी राशि एक ही वर्ष में बदलेंगे।
ज्योतिषियों के अनुसार बृहस्पति 12 सितंबर को कन्या राशि का परित्याग कर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। शनि देव 25 अक्टूबर को वृश्चिक राशि का त्याग कर धनु-राशि में जाएंगे। वहीं राहु 17 अगस्त को सिंह राशि का त्याग कर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। केतु भी 17 अगस्त को कुंभ राशि का त्याग कर मकर राशि में जाएंगे।
नए साल में रविवार का महत्व: नया साल रविवार के दिन से आरंभ होगा और वर्ष भर रविवार का महत्व बरकरार रहेगा। नए साल के पहले महीने जनवरी में पांच रविवार पड़ रहे हैं। नया साल एक जनवरी रविवार को आरंभ होगा। इसके बाद 8, 15, 22 एवं 29 जनवरी को रविवार हैं। नए साल में अनेक त्योहार भी रविवार को ही पड़ रहे हैं।
इनका कहना है: नए साल का शुभारंभ रविवार के दिन से होना बहुत शुभ रहेगा। सूर्य सबसे प्रभावी और प्रत्यक्ष नजर आने वाले देवता हैं। उनकी कृपा से सुख-समृद्धि के द्वार नए साल में खुलेंगे। -भैरवरतन बोहरा ज्योतिषाचार्य,
खबर - सुरेंद्र शर्मा
सूरत , नेचरवेलि में श्रीराम न्यौल के घर हुआ संगीतमय सुन्दरकांड पाठ का आयोजन ! श्री श्याम रेसिडेन्सी सुन्दरकांड मंडल के द्वारा सुंदरकांड को संगीतमय तरीके से प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति ऐसी थी की देखते ही बनती थी। मंडल के अध्यक्ष गौरीशंकर जाँगिड ने बताया की मंडल के द्वारा प्रति शनिवार के दिन सुन्दरकांड का आयोजन किया जाता ह !सुरेन्द्र न्यौल , जगदीश ,उमेद , रमाकांत शर्मा ,श्री राम जी न्यौल सहित अनेक धर्म प्रेमी मौजूद थे।
खबर - सुरेंद्र शर्मा
सूरत , वाटिका टाउन स्थित जनार्दन लाटा के घर रात्री सुन्दरकांड पाठ का आयोजन किया गया। जिसमे प्रजापति सुन्दरकांड मित्र मंडल द्वारा बहूत सुन्दर और अनेक भजन के साथ पाठ किया गया। सुन्दरकाण्ड पाठ की शुरुआत अपनी सुमधुर आवाज गणपति आज पधारो भजन से की व उसके बाद मेरे राम की तस्वीर को सारी दुनिया पुजती हैए लंका में मच गयो हाको रे वानर आयो बाकोए खुश होंगे हनुमान राम राम किये जा के सुंदर भजनो में सुन्दरकाण्ड की चौपाइयों की लाडिया पिरोकर शानदार प्रस्तुति दी गई। गौ सेवक जनार्दन लाटा भगवान की भक्ति के रंग में रंगे हुए थे । पाठ के समापन के बाद प्रसाद की व्यवस्था की गयी थी। इस मौके पर सज्जन महर्षि , आशिष शर्मा ,अमित शर्मा (खंडेला ), श्याम रामावत ,संदीप शर्मा ,संजय प्रजापति ,भागीरथ प्रजापति ,किशन प्रजापति और सेकडों धर्म प्रेमी मौजूद रहे।
खबर - अनिल शर्मा
शिमला – सैकेण्डरी स्कूल त्योंदा के खेल मैदान पर शुक्रवार 25 नवबंर को रात्रि 8 बजे से 15 वां श्यााम दिवाना महोत्सव का शुभारम्भ किया जायेगा। जिसमें गायक कलाकार जयशंकर चौधरी कलकता,श्रीकान्त तिवाडी महाराष्ट्र,संजय पारीक जयपुर होगे। इस अवशर पर बन्टी सोनिया तिलकधारी दिल्ली राधा कृष्ण,श्याम बाबा व सुदामा आदि की आकर्षक झाांकीया प्रस्तुत करेगें। संघ के अध्यक्ष किरोडीमल अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारियां आरम्भ कर दी गयी है इसके लिए मन्दिर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। इस अवशर पर शोभायात्रा निकाली जावेगी मुम्बई प्रवासी अश्वनी कुमार जोशी ने बताया कि इस शोभायात्रा मे मुम्बई,कलकता,हैदराबाद,अहमदाबाद,दिल्ली,रतलाम व दुबई से भी प्रवासी भाग लेगें।
खबर - अनिल शर्मा
शिमला – देव नारायण मन्दिर मेहाडा गुजरवास मे चल रही श्री मद भागवत कथा के छठे दिन बुधवार 23 नवम्बर को कथा वाचन करते हुये आचार्य धरमशरण बृजवासी ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या जघन्य अपराध है। आज लोग लडकी को जन्म होने से पहले ही मार देते हैं। जबकि लडकी दो परिवारों को जोडती है तथा उनका पालन पोषण करती है। एक जगह बेटी के रूप मे तो दूसरी जगह माँ के रूप मे। उन्होने उपस्थित भक्तों को कन्या भ्रूण हत्या न करने की शपथ दिलाई कि कोई भी महिला न तो कन्या की गर्भ मे हत्या करेगी और न ही करने देगी। उनको स्वयं सोचना होगा कि वह भी किसी की बेटी व माँ है हर लडकी अपना भाग्य लेकर पैदा होती है उसे अभिशाप न समझे उसको भी बेटे के समान हक दें। इस अवशर पर सैकडों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना-2016
Aaj Ki Delhi.in/ The 24x7 news/ Indian news Online/ Prime News.live/Astro Dharm/ Yograaj Sharma/ 7011490810बांसवाड़ा-देवस्थान विभाग की ओर से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना-2016 के तहत राजस्थान के वरिष्ठ नागरिकों को देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की निःशुल्क यात्रा के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका ने देवस्थान विभाग द्वारा जारी पोस्टर की प्रतियां जिले के सभी तहसीलदारों को भिजवाते हुए उन्हें अपने कार्यालय में चस्पा करवाने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि अधिकाधिक पात्र लोगों से आवेदन करावें ताकि वरिष्ठ नागरिक इस यात्रा का लाभ उठा सकें।
आवेदन की अंतिम तिथि 25 नवंबर:
धानका ने बताया कि निःशुल्क यात्रा के लिए वरिष्ठ नागरिकों से आवेदन पत्र ई-मित्र/ऑनलाईन के माध्यम से आगामी 25 नवम्बर तक मांगे गए हैं। यात्रा के तहत वरिष्ठ नागरिक जगन्नापुरी, वैष्णोदेवी, द्वारकापुरी, अमृसर, शिरड़ी, गया-काशी, गोवा, सम्मेदशिखर, तिरूपति, बिहार शरीफ, रामेश्वरम्, पटना साहिब तथा श्रवणबेलगोला की निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे। यह यात्रा जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर, बीकानेर एवं अजमेर से प्रस्थान करेगी।
तीर्थ यात्रा के लिए यह होगी पात्रता:
धानका ने बताया कि राजस्थान के मूल निवासी एवं 60 या अधिक आयु के, हवाई जहाज से यात्रा के लिए 70 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति ही पात्र होंगे। इसके अलावा आवेदक आयकरदाता न हो, इस योजना के अन्तर्गत पूर्व में यात्रा न की हो, भिक्षावृत्ति पर जीवनयापन न करने वाला होना चाहिए। यात्रा के लिए आवेदक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हों और किसी संक्रामक रोग यथा टी.बी. कांजेस्टिव कार्डियक, श्वांस में अवरोध संबंधी बीमारी कोरोनरी अपर्याप्तता कोरीनरी थ्रोम्बोसिस मानसिक व्याधि, संक्रामक कुष्ठ आदि से प्रसित नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के उपक्रम, स्थानीय निकाय से सेवानिवृत्त कर्मचारी, अधिकारी व उनके जीवन साथी यात्रा के पात्र नहीं होंगे।
उन्होंने बताया किआवेदन संबंधी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देवस्थान विभाग की वेबसाईट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट देवस्थान डॉट जीओवी डॉट इन से प्राप्त की जा सकती है
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फोटो - लक्ष्मीकांत जोशी |
सीकर। खान एवं वन राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा ने कहा है कि संगठनों एवं उपजातियों के नाम बिखरे ब्राह्मण समाज को आज एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज के पास इतनी ताकत है कि वह उसे स्वयं नहीं पहचान पा रहा है। उन्होंने ब्राह्मण समाज को भारतीय संस्कृति का पथप्रदर्शक बताते हुए कहा कि आज समाज में एक दूसरे संगठन को नीचा दिखाने की कोशिशे होती रहती है, जो दुर्भाग्य की बात है। वन राज्यमंत्री ने यह बात रविवार को सीकर के राणी सती गार्डन में आयोजित राजस्थान ब्राह्मण महासभा के दीपावली स्नेहमिलन समारोह एवं कार्यकारिणी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित लोगों से कही।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज में जागृति आ रही है। आदिवासी जैसे क्षेत्रों में भी समाज के लोगों में शिक्षा आदि जैसी जागृति देखने को मिल रही है। समाज में अभाव है तो वह एकता का है। हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए कि जिस प्रकार से बादाम, काजू, किसमिस व अखरोट मिलकर मेवे का रूपधारण करते हैं उसी प्रकार हम सब को मिलकर मेवे का रूपधारण करना है। समाज में किसी प्रकार का रागवेश नहीं होना चाहिए। तभी हमारा समाज विकास की राह पर तीव्र गति से चल पाएगा। उन्होंने कहा कि आज संसार में हर व्यक्ति अमृत आनन्द की खोज में हैं, लेकिन जब तक हम महिलाओं का आदर सत्कार नहीं करेंगे तब तक यह खोज बेमानी है।
दीपावली स्नेहमिलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व काबिना मंत्री राजेन्द्र पारीक ने अपने जोशीले अन्दाज में कहा कि आज ब्राह्मण समाज का युवा वर्ग उपेक्षित है। आज समाज के युवा वर्ग को उपयोग लिया जा रहा है। हम लोग समाज को कोई नई सोच नहीं दे पा रहे हैं। जो निराशा जनक है। उन्होंने कहा कि नौजवानों का ईस्तमाल करना छोडऩा होगा और उनको उज्जवल भविष्य का लक्ष्य बताना होगा तभी नौजवानों का विश्वास समाज का नेतृत्व करने वाले लोगों पर कायम रहेगा। उन्होंने आरक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि दृढ़निश्चय करने से ही कुछ हासिल हो सकता है। आज मांगने से कुछ नहीं मिलता बल्कि छीनना पड़ता है।
पूर्व काबिना मंत्री पारीक ने कहा कि बिना शिक्षा के किसी समाज का उत्थान नहीं हो सकता। आज भी हम लोग पूरातन परम्परा के अनुसार ही चल रहे हैं। हमें पुरानी परम्पराओं को छोडक़र नई दिशा में कदम रखना होगा। समाज के युवा वर्ग को सच्चे दिल से साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि जब मैं सन् 1990 में विधानसभा में पहुंचा था तो हमारे समाज के 36 मेम्बर थे, लेकिन अब वर्तमान में 12 ही रह गए है, जो समाज में एकता नहीं होना दर्शाता है। समारोह में शहर विधायक रतनलाल जलधारी ने कहा कि समाज के विकास के लिए उच्च शिक्षा जरूरी है।
युवा वर्ग उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद सरकारी नौकरी में बड़े पदों के साथ अपना नीजि व्यापार भी सखुशल कर सकता है। इसलिए समाज में शिक्षा सर्वोपरी है। कार्यक्रम के प्रारंभ में राजस्थान ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष पुरूषोत्तम पाण्डेय ने स्वागत भाषण देते सभी आगन्तुक अतिथियों का अभिनन्दन किया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वन राज्यमंत्री राजकुमार रिणवां ने भगवान परशुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया। समारोह के प्रारंभ में आगन्तुक अतिथियों का माल्यार्पण कर एवं साफा पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में हाल ही में आरजेएस परीक्षा में चयनित होने पर कल्पना पारीक सहित अन्य प्रतिभावान छात्र-छात्राओं तथा समाज के लिए उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भंवरलाल शर्मा, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष ललित मिश्रा, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष मधुसुदन शर्मा, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष सरस्वती गौड़, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा पाण्डे, जिलाध्यक्ष श्रीमती अनिता शर्मा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश शर्मा, सहित, लक्ष्मणगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष चांदनी शर्मा, मोहरसिंह गौड़, महेश प्रधान, जिला महामंत्री पवन पारस, शहर अध्यक्ष सुभाष रूंथला, गिरीश प्रधान, अनिल डोकवाल के अलावा राजस्थान ब्राह्मण महासभा, आरक्षण मंच, महिला प्र्रकोष्ठ तथा युवा प्रकोष्ठ के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
खबर - मनोज मिश्रा
सालासर-रविवार को श्रीबालाजी बगीचे में खाण्डलविप्र समाज सीकर के द्वारा आयोजित दिपावली स्नेह मिलन एवं समाज के प्रतिभावान छात्र छात्राओं का सम्मान समारोह कार्यक्रम हुआ जिसमें मुख्यतिथि लोहार्गल धाम के महामंडलेश्वर अश्विनीदास महाराज ने संबोधित करते हुए कहा की विप्र समाज के बंधुओं को एक जुट होकर रहना चाहिए साथ ही समाज में ऐसे आयोजनो से एक दूसरे के मिलाप भी होता रहे ताकी हम संगठीत होकर रहे इसी के साथ विकास कार्य भी होना जरूरी है जिसमें भवननिर्माण हो शिक्षा के क्षैत्र में भी उत्थान हों। कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक हरिप्रसाद रूंथला ने कहा की समाज के छात्र छात्राओं ने आज न की समाज का नाम रोशन किया अपितु देश का नाम भी रोशन कर रहे है ऐसे प्रतिभाओं को आगे बढने का मौका भी मिले।महावीर प्रसाद पुजारी ने बताया की बा्रहमण सभी वर्र्ग के हो सभी एक है और ऐसे कार्यक्रमेां के आयोजनों से विप्र बंधुओं से कुछ सीखने को भी मिलता है। देवकी नंदन पुजारी ने बताया की शिक्षा के क्षैत्र में समाज में आगे बढी प्रतिभाओं का स6मान होना गर्व की बात है युवा वर्ग ही अपने समाज और देश हित की सोचे ये आशा है।कार्यक्रम में सीकर खांडल समाज के अध्यक्ष नेमीचंद रूंथला,पालवास के संत विक्रमनाथजी महाराज,जीतमलशर्मा,सीकर जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश चोटिया,प्रभुदयाल पिपलवा,पूर्वजिलाध्यक्ष विमलादेवी,पूर्व विधायक राजकुमारीशर्मा,श्री हनुमानसेवासमिती सालासर के अध्यक्ष यशोदानंदन पुजारी,मनोज पुजारी,मनोजभाणेज,श्रीराम सूंटवाल,बोदूराम पुजारी,सुरेश पुजारी,सीकर एसपी राकेशकाछवाल,दिलीप नवहाल ने खांडल विप्र समाज के करीबन ३०० प्रतिभावान छात्र छात्राओं को प्रतीक चिन्ह देकर स6मानित किया।
चर्चा का विषय बना रहा कार्यक्रम में खनिज एवं पर्यावरण मंत्री राजकुमार रिणवंा के ना आने से बताया गया की मंत्री मुअतिथी के रूप में कार्यक्रम में शरीक होने थे। समारोह में कीसी कारणवश ना आने से समाज के लोगों को निराश होना पडा।
बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। स्थानीय मोहता चौक में मौहल्ला विकास समिति की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता समाज सेवी श्याम व्यास ने की। पवन राठी ने बताया कि इस बैठक में आगामी 23 नवम्बर को स्थानीय विद्यालय एवं मौहल्ले के स्तर पर एक गीता ज्ञान प्रतियोगिता को आयोजित करने का निर्णय मौहल्लेवासियों ने सर्वसमिति से लिया। इस प्रतियोगिता की प्रमुख संयोजिका जयश्री मोहता को बनाया गया है। प्रमुख संयोजिका मोहता ने बताया कि यह प्रतियोगिता मोहता चौक स्थित मरूनायक मंदिर निकट मदन मोहन भवन में 23 नवम्बर को दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच होगी। इस प्रतियोगिता में सभी प्रश्न धार्मिक पुस्तक गीता पर आधारित होंगे। इस प्रतियोगिता को सफल बनाने हेतु रूद्रा ओझा, दिव्या सारस्वत, गोपाल मोहता, बबला महाराज, भवानी राठी व आशीष लखाणी आदि कार्यकत्र्ता अपना सक्रिय योगदान प्रदान कर रहे है।
खबर - पवन शर्मा
सुजरगढ़. कस्बे के पुराने पोस्ट आफिस के पास स्थित रानी बाग होटल में आज रविवार को विश्व हिंदू परिषद की प्रखंड और नगर इकाई की सयुंक्त बैठक का आयोजन होगा। प्रखंड पालक और जिला सेवा प्रमुख ओमप्रकाश सेवदा ने जानकारी देते हुए बताया की दोपहर एक बजे बाग होटल में विहिप की प्रखंड और नगर इकाई की बैठक आयोजित की जाएगी। सेवदा ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद की और और से पुरे भारतवर्ष में हित चिंतन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत ही बैठक का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बैठक में अभियान के लिए कार्यकर्ताओ का चयन किया जायेगा इसके अलावा बैठक में विहिप ,बजरंगदल,दुर्गा वाहिनी और मातृ शक्ति का विस्तार भी किया जायेगा।
खबर - पवन दाधीच
खिरोड़ - बसावा गांव की धामाणी जोहड़ी में स्थित धामाणी धाम में दुर्गा माता की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। सुबह सवा 11 बजे आयोजित कार्यक्रम नागरदास महाराज के सानिध्य में किया गया। इस मौके हवन, पूजार्चना आदि धार्मिक कार्यक्रम हुए। इससे पूर्व रात्री जागरण हुआ। भण्डारे में सेंकड़ों श्रद्धालुओं न्र प्रसाद ग्रहण किया। मगनाराम यादव, शिवदास महाराज, इस मौके पर नरेश शर्मा, चंद्रशेखर शर्मा, बृजेश यादव, श्रीपाल यादव आदि मौजूद थे।
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खबर - पवन दाधीच
खिरोड़ -बसावा गांव की धामाणी जोहड़ी में स्थित धामाणी धाम में शुक्रवार को दुर्गा माता की मूर्ति स्थापना होगी। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा नागरदास महाराज के सानिध्य में की जाएगी। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए धाम के शविदास महाराज व आयोजनकर्ता मगनलाल अहीर ने बताया कि इस धार्मिक कार्यक्रम के दौरान विशेष पूजार्चना सहित अनेक धार्मिक कार्यक्रम होंगे। इस मौके पर भण्डारे का आयोजन भी होगा। गुरूवार रात को जागरण का आयोजन हुआ जिसमें प्रसिद्ध भजन गायक कलाकारों द्वारा रोचक भजनों की प्रस्तुति दी गई।
खबर - मनोज झखनाड़ीया
मुबई | मुम्बई में अखिल भारतवर्षीय श्रीखांडल विप्र महासभा की मीरा भायंदर विरार शाखा सभा की और दीपावली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महासभा अध्यक्ष मुरारीलालजी गोरसिया सपत्नीक व् विशेष अतिथि मध्यप्रदेश अध्यक्ष संजयजी भाटीवाडा,युवा अध्यक्ष अनिलजी नवहाल ,महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष मदन गोपाल निढाणिया थे। स्थानीय शाखा अध्यक्ष सुधीर चोटिया के साथ समाज के कार्यकर्ताओं ने अतिथियों का स्वागत किया। एक दिप शहीदों के नाम ,प्रथम देश के शहीद जवानों को दिप जलाकर अभिवादन करने पर ही सभी लोग सभागृह में आकर स्थानापन्न हो रहे थे।भगवान परशुराम पूजन,आरती एवं दिप प्रज्वलन से
कार्यक्रम से कार्यक्रम की शुरुआत हुई । सुधीरजी ने प्रस्तावना की। इस अवसर पर बच्चो ने उत्कृष्ट नृत्य की प्रस्तुति करते हुवे खूब तालियां बटोरी।अपने परिवार के छोटे कलाकारों का जोश एवं उत्साह भरा नृत्य देखने लायक था जो की स्नेह मिलन कार्यक्रम की एक विशेषता रही।सभी सहभागी बच्चों को शाखा ने पुरस्कार दिए और बच्चों को जोरदार तालियों की गूंज से उपस्थित समुदाय ने प्रोत्साहित किया। स्थानीय विधायक नरेंद्र मेहताजी,विप्र फाउंडेशन के अध्यक्ष महावीरजी सोती,कल्याण शाखा अध्यक्ष मदनजी,नवी मुंबई अध्यक्ष मनोज जी झखनाडिया ,भिवंडीसे रामेश्वरजी, गोकुलजी मुम्बई शाखा उपाध्यक्ष एवं ठाणे,बोइसर आदि विभिन्न स्थानोसे भी बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित थे और मीरा भायंदर विरार क्षेत्र के सभी खाण्डल विप्र परिवार सहित उपस्थित थे। अंत में अध्यक्ष सुधीर चोटिया ने सभी सहयोगी बन्धु तथा निवासी परिजनों को इस सफल आयोजन हेतु बधाई दी
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